बताए गए वास्तु शास्त्र के अनुसार डोर बेल लगाते समय इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि इसकी आवाज मधुर हो।
घर में कई बार डोर बेल की आवाज ऐसी होती है, जो सुनने में बहुत कर्कश लगती है। इसलिए हमेशा स्वीट साउंड वाले डोर बेल लगाएं।
वास्तु की मानें, तो अगर इस तरह की डोर बेल घर में लगाया जाता है, तो इससे घर के सदस्य के मन और मस्तिष्क पर बुरा असर पड़ता है।
ज्यादा हाई लेवल के डोर बेल घर में लगाने से नेगेटिव एनर्जी आती है और इसका सीधा प्रभाव घर के लोगों के ऊपर देखने को मिलता है।
वास्तु की नियमों के मुताबिक, घर के नेम प्लेट को हमेशा डोर बेल से ऊपर लगाना चाहिए। इससे घर में अच्छी ऊर्जा आने लगती है।
वास्तु में ऐसा कहा गया है कि घर के नेम प्लेट अगर डोर बेल से ऊपर हो, तो घर के मुखिया की मान-प्रतिष्ठा में वृद्धि होने लगती है।
ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और फैमिली के सदस्यों के प्यार भी बढ़ता है। साथ ही घर में सुख-शांति भी आती है।
वास्तु के मुताबिक, इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखें कि घर की डोर बेल जमीन से कम से कम पांच फीट की ऊंचाई पर हो।
अगर आप अपने घर में मंत्रोच्चार वाली डोर बेल लगाते हैं, तो इसे दक्षिण पूर्वी दीवार की पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है।