त्योहार हमें जिंदगी में सकारात्मकता, सम्मान, प्रेम और नई ऊर्जा की महत्वपूर्णता को समझाते हैं। इस समय में वास्तु नियमों का पालन करें।
यह एक ऐसी विद्या है जो हमें हमारे घर और पारिस्थितिक तंत्र में सुख-शांति और समृद्धि की ओर मार्गदर्शन करता है।
वास्तु शास्त्र और त्योहार दोनों ही भारतीय संस्कृति के अहम हिस्से हैं। जहां वास्तु में हमें अच्छी ऊर्जा सिखाया जाता है वहीं, त्योहार में परस्पर प्रेम।
वास्तु शास्त्र के मुताबिक त्योहार के समय घर में नकारात्मकता और बुरी नजर से बचने के कुछ नियम हैं। फटे और गंदे वस्त्र पहनने से व्यक्ति की ऊर्जा बाधित होती है।
यदि आप इस तरह से गंदे कपड़ों का सेवन खासतौर पर त्योहारों में नहीं करते हैं तो उससे घर में दुख और बीमारियां आती है।
यदि आप इस तरह से गंदे कपड़ों का सेवन खासतौर पर त्योहारों में नहीं करते हैं तो उससे घर में दुख और बीमारियां आती है।
त्योहारों के समय में घर में साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना होता। टूटी हुई चीजों को घर में रखने से नकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।
वास्तु और धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, त्योहारों पर लड़ाई झगड़े बिल्कुल नहीं करना चाहिए। कलह करने से घर में कंगाली आती है।
पर्व त्योहार के समय में आदान प्रदान, प्यार और सम्मान की भावना होनी चाहिए। इस समय किसी का अपमान करना सही नहीं होता है।