मत्स्य द्वादशी का दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस दिन पूजा-पाठ करने से शुभ फल प्राप्त होता है, लेकिन आज के दिन कुछ कामों को करने से बचना चाहिए।
मत्स्य द्वादशी के दिन तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए। पूजा के लिए आप पहले तोड़े गए पत्तों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
मत्स्य द्वादशी के दिन मांस, मदिरा या किसी भी अन्य तामसिक भोजन को नहीं खाना चाहिए। इससे पूजा का फल नहीं मिलता।
मत्स्य द्वादशी के दिन किसी भी तरह का झूठ नहीं बोलना चाहिए। इससे भगवान भगवान विष्णु नाराज हो सकते हैं, साथ ही किए गए व्रत का लाभ नहीं मिलता।
मत्स्य द्वादशी के दिन क्रोध करना शुभ नहीं माना जाता है। इस दिन गुस्सा करने से भगवान विष्णु नाराज हो सकते हैं।
मत्स्य द्वादशी के दिन गरीबों को दान करना बेहद अच्छा माना जाता है। ऐसा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं। साथ ही पूजा का फल मिलता है।
मत्स्य द्वादशी के दिन भूलकर भी मछली नहीं खानी चाहिए। ये भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार को समर्पित होता है। इस दिन मछली का सेवन करने से नकारात्मक प्रभाव दिख सकते हैं।
मत्स्य द्वादशी के दिन पीले रंग के कपड़े का दान करना बेहद शुभ माना जाता है। मान्यता है कि पीला रंग भगवान विष्णु से जुड़ा हुआ है, इसलिए इसका दान बेहद शुभ होता है।
मत्स्य द्वादशी पर इन बातों को ध्यान में रखने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। इसी तरह धर्म और अध्यात्म से जुड़ी खबरों के लिए पढ़ते रहें NAIDUNIA.COM