मौसम का इस तरह अचानक बदलना शरीर के लिए कई चुनौतियां पैदा कर डालता है। बदलते तापमान के साथ अचानक सामंजस्य बैठा पाना शरीर के लिए थोड़ा मुश्किल हो जाता है।
सुबह 4 बजे से 10 बजे तक रहता है कफ का काल। इसलिए इस समय गुनगुना पानी या पौष्टिक पेय और संतुलित नाश्ता करने की सलाह दी जाती है।
यदि आपका पाचन तंत्र मजबूत होगा तो स्वस्थ रहने में काफी मदद मिल पाएगी। गौर कीजिए कि जब भी कभी सर्दी-खांसी की शुरुआत होती है हमें भूख में कमी होने, कब्ज होने, थकान लगने आदि जैसे लक्षण सामने आने लगते हैं
आयुर्वेद में सबसे अधिक महत्व दिया गया है प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने पर। यदि आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत है तो आप किसी भी मौसम में होने वाले बदलावों के बुरे असर से बचे रह सकते हैं।
लौंग और काली मिर्च से लेकर हल्दी, इलायची, अदरक, सौंफ, तुलसी आदि जैसी कई चीजें हैं जो आमतौर पर हमारे घरों में मौजूद होती हैं और इनसे औषधियों का लाभ लिया जा सकता है।
आयुर्वेद में तो स्वास्थ्य के लिहाज से घी को पीने का प्रावधान है। विशेषकर गाय का बना घी। इसके साथ ही शहद का सेवन भी काफी लाभदायक बताया गया है। सुबह के समय बच्चों को भी शहद के सेवन के लिए सलाह दी गई है।