Ayurveda: आयुर्वेद की मदद से मौसमी बीमारियों में ऐसे करें संक्रमण से बचाव


By Navodit Saktawat14, Nov 2022 08:46 PMnaidunia.com

मौसम में बदलाव से रोग

मौसम का इस तरह अचानक बदलना शरीर के लिए कई चुनौतियां पैदा कर डालता है। बदलते तापमान के साथ अचानक सामंजस्य बैठा पाना शरीर के लिए थोड़ा मुश्किल हो जाता है।

गुनगुना पानी श्रेष्‍ठ उपाय

सुबह 4 बजे से 10 बजे तक रहता है कफ का काल। इसलिए इस समय गुनगुना पानी या पौष्टिक पेय और संतुलित नाश्ता करने की सलाह दी जाती है।

पाचन ना हो कमज़ोर

यदि आपका पाचन तंत्र मजबूत होगा तो स्वस्थ रहने में काफी मदद मिल पाएगी। गौर कीजिए कि जब भी कभी सर्दी-खांसी की शुरुआत होती है हमें भूख में कमी होने, कब्ज होने, थकान लगने आदि जैसे लक्षण सामने आने लगते हैं

प्रतिरक्षा प्रणाली हो मजबूत

आयुर्वेद में सबसे अधिक महत्व दिया गया है प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने पर। यदि आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत है तो आप किसी भी मौसम में होने वाले बदलावों के बुरे असर से बचे रह सकते हैं।

घरेलूू वस्‍तुओं से करें उपचार

लौंग और काली मिर्च से लेकर हल्दी, इलायची, अदरक, सौंफ, तुलसी आदि जैसी कई चीजें हैं जो आमतौर पर हमारे घरों में मौजूद होती हैं और इनसे औषधियों का लाभ लिया जा सकता है।

गाय का घी कारगर

आयुर्वेद में तो स्वास्थ्य के लिहाज से घी को पीने का प्रावधान है। विशेषकर गाय का बना घी। इसके साथ ही शहद का सेवन भी काफी लाभदायक बताया गया है। सुबह के समय बच्चों को भी शहद के सेवन के लिए सलाह दी गई है।

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