6 जून 2024 को शनि जयंती है और उस दिन ज्येष्ठ अमावस्या भी है, साथ ही वट सावित्री का व्रत भी रखा जाएगा। ऐसे में इस दिन का महत्व बढ़ गया है।
ज्योतिषविदों का यह मानना है कि इस महीने में गर्मी काफी ज्यादा रहती है। ऐसे में व्रत करने वाले लोगों को अक्षय पुण्य की प्राप्ति मिलती है।
इस महीने में गंगा दशहरा, निर्जला एकादशी जैसे व्रत भी आते हैं, जो हमें पानी के महत्व के बारे में बताते हैं। इसका पुण्य जीवन भर रहता है।
नौ ग्रहों का न्यायाधीश शनि को ही माना गया है। शनि सूर्य के पुत्र हैं। यमराज, यमुना शनि देव के सौतेले भाई बहन हैं। ऐसी मान्यता है कि ज्येष्ठ मास की अमावस्या को ही शनि का जन्म हुआ था।
ऐसी मान्यता है कि शनि जयंती के दिन सुबह उठकर नित्य क्रिया करके सूर्य देव को अर्घ्य दें। इसके बाद शनि मंदिर जाकर सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
इस दिन वट सावित्री पूजन भी है, मतलब इस खास मौके पर बरगद की पूजा करनी चाहिए। यह पति की लंबी आयु के लिए स्त्रियां व्रत रखती हैं।
ऐसी धार्मिक मान्यता है कि इस दिन शिव-पार्वती का अभिषेक बरगद के पेड़ के नीचे किया जाता है। यह काफी पुण्य व्रत माना गया है।
इस लेख में दी गई सभी जानकारियां एक सामान्य मान्यताओं पर आधारित है जिसकी हम अपनी तरफ से कोई भी पुष्टि नहीं करते हैं।