भारत के कई इलाकों में और खासकर दक्षिण भारत के इलाकों में केले के पत्ते पर खाने का रिवाज है।
केले के पत्तों पर खाना परोसने के पीछे धार्मिक मान्यता छुपी हुई है। पूजा-पाठ के दौरान भी केले के पत्तों का इस्तेमाल किया जाता है।
केले के पत्ते पर खाना परोसने के बाद खाने का स्वाद बढ़ जाता है, क्योंकि केले के पत्ते पर मोम जैसी परत पाई जाती है।
प्लास्टिक या स्टील की प्लेट में खाना खाने से काफी ज्यादा लाभकारी केले के पत्ते पर खाना माना जाता है।
केले के पत्ते पर खाना खाना काफी इको फ्रेंडली होता है। दक्षिण भारत के शादी समारोह में केले के पत्तों का इस्तेमाल किया जाता है।
अगर आपका डाइजेशन सिस्टम मजबूत नही है, तो केले के पत्ते पर भोजन करना आपके लिए लाभकारी हो सकता है।
केले के पत्ते पर खाना खाने से शरीर में किसी भी तरह का रासायनिक पदार्थ प्रवेश नहीं करता हैं।