कलीरा क्यों पहना जाता है?


By Ayushi Singh01, Jul 2024 06:00 PMnaidunia.com

अक्सर देखा होगा कि शादी के दौरान चूड़ा और कलीरे की खूबसूरती बढ़ाने के अलावा धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। शादी की अलग-अलग परंपराओं के मुताबिक इसमें कई रस्में निभाई जाती हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि कलीरा क्यों पहना जाता है-

क्यों पहना जाता है?

पंजाबी रीति -रिवाजों के अनुसार चुड़े के साथ कलीरे को पहनना शुभ माना जाता है और यह रस्म काफी पुरानी भी है। दुल्हन को चूड़ा और कलीरे पहनाने से पहले उन्हें रात भर दूध में भिगोकर रखा जाता है।

कलीरे का महत्व

कलीरा सुख समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि दुल्हन को कलीरा इसलिए भी बांधा जाता है, जिससे उसकी शादी बिना किसी रूकावट के पूरा हो सके।

कलीरे झटकने की परंपरा

पंजाबी दुल्हन शादी के दौरान अपनी कलाई पर पहने कलीरे नीचे बैठी लड़कियों पर झटकती हैं। ऐसी मान्यता है कि दुल्हन का कलीरा जिस भी कुंवारी लड़की के ऊपर गिरता है, उसकी जल्दी शादी हो जाती है या रिश्ता हो जाता है।

कौन लाता है कलीरा

पंजाबी शादी में ये कलीरा और चूड़ा मामा लाते हैं, जिसमें लाल और सफेद रंग की 21 चूड़ियां होती है। दुल्हन के इस कलीरा और चूड़ा को कपड़े से बांध दिया जाता है, जिससे दूल्हे के मंडप में आ जाने तक न देख पाएं।

कौन पहनाता है कलीरा

दुल्हन की सहेलियां दुल्हन के लिए कलीरे लाती हैं और उन्हें चूड़ा में बाँधती हैं, जो उसकी शादी की शोभा बढ़ाते हैं। साथ ही, दुल्हन की भी शोभा बढ़ाती है।

शादी के बाद कलीरे का क्या करें?

शादी के अगले दिन, एक कलीरे को आशीर्वाद के लिए पुजारी के पास मंदिर में छोड़ दिया जाता है और बाकी को दुल्हन अपने माता-पिता के घर की याद और शादी के दिन की यादगार के रूप में रखती है।

इसलिए कलीरा  पहना जाता है। एस्‍ट्रो से जुड़ी ऐसी ही अन्य खबरों के लिए पढ़ते रहें NAIDUNIA.COM

योगिनी एकादशी पर करें ये 4 कार्य, जल्द पूरा होगा अधूरा सपना