बीमारियों के वक्त खाई जानेवाली दवाईयों का असर किडनी पर भी पड़ता है। खासतौर पर एंटी-बायोटिक्स का।
ऐसे में किडनी के कमजोर होने या इसकी बीमारी में किसी भी तरह की एलोपैथिक दवाएं लेना मुश्किल होता है।
कुछ खास आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल आपकी किडनी को सुरक्षित और सेहतमंद रख सकता है।
पुनर्नवा का इस्तेमाल आपकी किडनी को सुरक्षित रखता है। जिन्हें पहले से ही किडनी से जुड़ी बीमारियां हैं, उनके लिए भी ये फायदेमंद है।
गोखरू में यूरिक एसिड, क्रिएटिनिन और किडनी स्टोन कम करने के गुण पाए जाते हैं, जो क्रोनिक किडनी डिजीज का खतरा कम करते हैं।
किडनी के मरीजों को वरुणा से बनी दवाएं दी जाती हैं। ये किडनी स्टोन को विकसित होने से रोकने और निकालने में मदद करती है।
गिलोय की बेल बुखार, गठिया और डेंगू समेत किडनी की क्रोनिक बीमारियों में भी फायदेमंद मानी जाती है।
चंदन एक डाइयुरेटिक की तरह काम करता है, जो किडनी से जुड़ी बीमारियों को दूर करने मे मदद करता है।