हिंदू धर्म में भाद्रपद माह में पूर्णिमा तिथि का काफी ज्यादा महत्व होता है। इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा होती है।
हर साल भाद्रपद की पूर्णिमा तिथि से पितृपक्ष की शुरुआत हो जाती है। साथ ही इस दिन मां लक्ष्मी और विष्णु भगवान की पूजा फल देने वाली होती है।
आइए जानते हैं कि भाद्रपद पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त और घर में सुख-शांति कैसे आती है। इसके नियम को जानना बेहद आवश्यक है।
वर्ष 2023 में भाद्रपद माह की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 28 सितंबर शाम 6 बजकर 50 मिनट से हो जाएगी, जो 29 सितंबर को दोपहर 3 बजकर 58 मिनट तक रहेगा।
ऐसे में भाद्रपद पूर्णिमा का व्रत 28 सितंबर को रखा जाएगा। वहीं, 29 सितंबर को इस व्रत का दान पुण्य का कार्यक्रम होगा।
ऐसे में भाद्रपद पूर्णिमा का व्रत 28 सितंबर को रखा जाएगा। वहीं, 29 सितंबर को इस व्रत का दान पुण्य का कार्यक्रम होगा।
इस पूर्णिमा के दिन मॉर्निंग उठकर अगर संभव हो तो पवित्र नदी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। इसके बाद व्रत का संकल्प करें।
भाद्रपद पूर्णिमा पर खासतौर से सत्यनारायण भगवान की पूजा की जाती है। इसके बाद सभी को एकजुट होकर उसकी कथा सुननी चाहिए।
भगवान सत्यनारायण को पंचामृत और चूरमा का भोग लगाएं और पूजा के बाद लोगों को प्रसाद दें। इस दिन जरूरतमंद लोगों को दान जरूर कें।