भूतड़ी अमावस्या का क्या हैं भूतों से संबंध, जानिए उपाय
By Prakhar Pandey2023-03-21, 15:41 ISTnaidunia.com
चैत्र मास
भूतड़ी अमावस्या चैत्र मास की अमावस्या को कहते हैं। अमावस्या के दिन पितरों को श्राद्ध करने की मान्यताएं हैं। आइए जानते हैं भूतड़ी अमावस्या से जुड़ी ये कुछ खास बातें।
तिथि
हिंदू पंचांग के हिसाब से अमावस्या तिथि की शुरुआत 20 मार्च की रात 1 बजकर 48 मिनट से हो चुकी हैं और 21 मार्च को रात 10. 54 पर खत्म हो जाएगी।
अमावस्या
इस अमावस्या को 21 मार्च को ही मनाया जाएगा भूतड़ी अमावस्या पर भी पितरों की आत्मा को तर्पण आदि करने से शांति मिलती हैं।
भूतड़ी अमावस्या
माना जाता हैं कि भूतड़ी अमावस्या के दिन जिन लोगों की अकाल मृत्यु हुई होती हैं और उनका क्रिया कर्म पूरा नहीं हुआ होता हैं वो इस दिन भूत बनकर धरती पर भटकते हैं।
नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव
मान्यताओं के मुताबिक भूतड़ी अमावस्या के दिन पृथ्वी पर नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव बढ़ा हुआ होता हैं। असंतुष्ट आत्माएं अपने सगे संबंधियों के आसपास मंडराती और उनमें प्रवेश करने की कोशिश करती हैं।
पितरों को करें तर्पण
भटकती आत्माओं को तृप्त करने के लिए गंगा स्नान करने और पितरों के तर्पण करने का खास महत्व हैं। जिन जातकों की कुंडली में पितृ का दोष होता है उन्हें विष्णु पूजा होनी चाहिए।
पितृदोष
कुंडली में पितृ दोष होने पर खास धार्मिक आयोजन करना चाहिए और पितृदोष की शांति करा उन्हें तर्पण करें।
कालसर्प दोष
कुंडली में कालसर्प दोष हो तो इससे मुक्ति और राहत के लिए चांद के बने नाग-नागिन की पूजा करें फिर इसे पवित्र नदी में प्रवाहित करें और गंगा में स्नान करें।
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