Chaitra Navratri 2023: चैत्र नवरात्र में ऐसे करें वास्तु के अनुसार कलश स्थापना
By Sameer Deshpande2023-03-21, 15:35 ISTnaidunia.com
22 मार्च से शुरू
चैत्र नवरात्र इस साल 22 मार्च से शुरू हो रही है और इसकी तैयारियों में भक्त पूरी तरह जुट गए हैं।
कलश स्थापना से शुरुआत
नवरात्र के इन नौ दिनों की शुरुआत कलश स्थापना से होती है।
मां दुर्गा का आह्वान
मान्यता है कि कलश स्थापना करने से घर में मां दुर्गा का आह्वान किया जाता है और वे घर में विराजमान रहती हैं।
देवी मां होंगी प्रसन्न
कलश स्थापना से पहले कुछ नियम जान लें जिससे आपकी पूजा सफल हो और देवी मां प्रसन्न होकर आपको आशीर्वाद प्रदान करें।
मूर्ति की स्थापना
नवरात्र में अगर आप माता रानी की प्रतिमा या कलश स्थापना कर रहे हैं तो ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व दिशा में करें, क्योंकि इस दिशा में देवताओं का वास होता है।
अखंड ज्योति की स्थापना
नवरात्र में अखंड ज्योति की स्थापना करने के लिए आग्नेय कोण को चुनना चाहिए, क्योंकि इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
चंदन की चौकी
वास्तु के अनुसार, माता को विराजमान करने के लिए लकड़ी या लकड़ी में भी चंदन की चौकी हो तो ज्यादा अच्छा है, क्योंकि चंदन को शुभ और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है। वास्तु दोष दूर होते हैं।
माता के श्रृंगार में करें इन रंगों का इस्तेमाल
नवरात्र में माता रानी के श्रृंगार में लाल और पीले रंग का प्रयोग करना चाहिए। पीला रंग जीवन में उत्साह, चमक और प्रसन्नता लाता है और लाल रंग जीवन में उमंग लाता है।
मुख्य द्वार पर स्वस्तिक
नवरात्र के नौ दिनों में मुख्य द्वार पर स्वास्तिक का चिन्ह बनाना चाहिए। घर के मुख्य द्वार को आम के पत्तों से सजाना चाहिए। इससे घर में शुभता बनी रहती है।
गोबर का प्रयोग
नवरात्र के दौरान घर के आंगन को गोबर से लीपना चाहिए और अगर गोबर ना हो तो घर के आंगन में 7 कंडे टांग दें। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा आएगी और देवी मां का घर में वास होता है।
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