2 जून की रात ओडिशा के भद्रक से चेन्नई जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस बालेश्वर स्टेशन के पास प्लेटफॉर्म पर खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई। इस भीषण हादसे में अब तक 250 से ज्यादा लोग अपनी जान गवा चुके हैं।
बालेश्वर में शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस, बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी हादसे का शिकार हो गई। इस रेल हादसे में करीब 900 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं।
ट्रेन का सफर दुनिया में सबसे सुरक्षित सफर माध्यमों में गिना जाता हैं। लेकिन एक चूक के चलते यह सबसे खतरनाक हादसे में भी तब्दील हो सकता है। जानिए भारत के सबसे बड़े रेल हादसों के बारे में।
साल 1981 में इतिहास की सबसे बड़ी रेल दुर्घटना हुई थी । 6 जून 1981 को एक ट्रेन बिहार के बागमती नदी के पुल को पार करती हुई नदी में गिर गई थी, जिसमें 750 से ज्यादा लोगों की जान गई थी।
अगस्त 1995 में फिरोजाबाद के पास पुरुषोत्तम एक्सप्रेस ट्रैक पर खड़ी कालिंदी एक्सप्रेस से टकरा गई थी। इस भीषण हादसे में भी 300 से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गंवाई थी।
साल 1998 नवंबर में जम्मू-तवी सियालदह एक्सप्रेस पंजाब के खन्ना में फ्रंटियर गोल्डन टेंपल मेल के तीन पटरी से उतरे डिब्बों से टकरा गई थी। इस हादसे में 212 लोगों की मौत हुई थी।
अगस्त 1999 में ब्रह्मपुत्र मेल गैसल स्टेशन पर अवध असम एक्सप्रेस से टकरा गई थी। इस हादसे में 285 लोगों की मौत और 300 से अधिक लोग घायल हुए थे।
मई 2010 में जनेश्वरी एक्सप्रेस झारग्राम के पास पटरी से उतर गई थी और फिर एक मालगाड़ी से टकरा गई थी । इस हादसे में 148 यात्रियों की मौत हुई थी।