धार्मिक शास्त्रों के मुताबिक, प्रदोष व्रत पर महादेव की पूजा-अर्चना करने से सबी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। आइए जानते हैं कष्टों से छुटकारा पाने के लिए किन मंत्रों का जाप करना चाहिए।
प्रदोष व्रत तिथिपर सच्चे मन से प्रभु की पूजा-अर्चना करने से हर प्रकार के शारीरिक और मानसिक कष्टों से मुक्ति मिलती है। इस व्रत के दिन महादेव संग मां- पार्वती की पूजा करने का विधान भी हैं।
‘ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥’ प्रदोष व्रत के दिन इस मंत्र का जाप करें।
करचरणकृतं वाक् कायजं कर्मजं श्रावण वाणंजं वा मानसंवापराधं । विहितं विहितं वा सर्व मेतत् क्षमस्व जय जय करुणाब्धे श्री महादेव शम्भो॥
अवन्तिकायां विहितावतारं मुक्तिप्रदानाय च सज्जनानाम्।अकालमृत्यो: परिरक्षणार्थं वन्दे महाकालमहासुरेशम् ॥
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥ मंत्र का जाप करना चाहिए। इस मंत्र के जाप से भी मां-पार्वती और भोले बाबा अति प्रसन्न होते है।
27 सितंबर को भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि रात 10 बजकर 28 मिनट पर समाप्त होगी। अत: आज 26 सितंबर को प्रदोष व्रत रखा जाएगा। प्रदोष काल संध्याकाल 06 बजकर 12 मिनट से 08 बजकर 36 मिनट तक है।
ज्योतिष के जानकारों के मुताबिक, बुध प्रदोष व्रत के दिन धृति योग बन रहा है। इस योग में महादेव की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में बढ़ोतरी होती है। साथ ही, शुभ कार्य करने के लिए भी यह समय काफी विशेष हैं।