चैती छठ पूजा 2023: डूबते-उगते सूर्य को दिया जाता है अर्घ्य
By Vinita sinha2023-03-27, 16:16 ISTnaidunia.com
भगवान सूर्य की बहन है छठी मैया
हिंदू शास्त्रों के अनुसार छठ देवी ब्रह्मा जी की मानस पुत्री है, और भगवान सूर्य देव की बहन है, उन्हीं को प्रसन्न करने के लिए यह व्रत किया जाता है। ये महापर्व पूरे 4 दिनों तक चलता है।
चैती छठ पूजा महत्व
संतान की कामना और घर- परिवार के सदस्यों के अच्छे स्वास्थ्य, सुख, खुशहाली की कामना के लिए यह व्रत किया जाता है। इसके अलावा इस व्रत के पुण्य के प्रभाव से घर में सुख-शांति व खुशहाली आती है।
नहाए-खाय से शुरू छठ
छठ पूजा का शुभारंभ पहले दिन नहाए-खाय से शुरू हो जाता है। इस दिन स्नान के बाद महिलाएं चावल, कद्दू और चने की दाल खाकर व्रत शुरू करती है। इसे कददू भात का दिन भी कहा जाता है।
दूसरा दिन खरना
नहाए-खाय के दूसरे दिन शाम को खरना होता है, जिसमें सभी व्रती महिलाएं गुड़ की खीर और रोटी ग्रहण करती हैं। शाम को सूर्य देव को भोग लगाने के बाद व्रती महिलाएं पहले भोग खाती है, फिर सभी में बांटा जाता है।
तीसरा दिन सबसे कठिन
गर्मी के महीने में चैती छठ मनाया जाता है। और छठ का का तीसरा दिन सबसे विशेष माना गया है। शाम के समय सूर्य को अर्घ्य देने के बाद भी इस दिन व्रती पूरे दिन अन्न और जल कुछ भी ग्रहण नहीं करते हैं।
36 घंटे का निर्जला उपवास
खरना के बाद से 36 घंटे तक निर्जला व्रत रखा जाता है। जिसमें अस्ताचलगामी सूर्य यानी डूबते सूरज को अर्घ्य दिया जाता है और उसके अगले दिन उगते सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण किया जाता है।
महाप्रसाद ठेकुआ
चैती छठ पर्व पर विशेष प्रसाद बनाया जाता है। जिसमें ठेकुआ प्रसिद्ध है। वहीं मन्नत अनुसार सूप तैयार की जाती है, जिसमें फल और सभी प्रसाद सजाये जाते हैं। फिर इसी सूप को घाट में लेकर जाते हैं और डूबते-उगते
छठ पूजा सामग्री
बांस की टोकरी, सूप, थाली, शकरकंद, गन्ना, पान, सुपारी , नींबू, दूध, नारियल, हल्दी,चावल, सिंदूर, दीपक, सब्जी, मिठाई, कपूर, शहद, फल, फूल आदि। इसके अलावा प्रसाद के लिए ठेकुआ, गुड-चावल से