माता के मंदिर में जाकर मूर्ति के सामने एक पान के पत्ते पर केसर, इत्र व घी मिलाकर स्वास्तिक बनाएं ।अब उस पर कलावा लपेटकर एक सुपारी रखें।
माता का ध्यान कर घर के मंदिर में गाय के गोबर के उपले पर पान, लौंग, कर्पूर, व इलायची गूगल के साथ ही कुछ मीठा डालकर माता को धुनी (हवन) दें ।
माता के मंदिर में पान बीड़ा चढ़ाएं। इस पान में कत्था, गुलकंद, सौंफ, नारियल का भूरा और कतरी के साथ ही लौंग का जोड़ा रखें । सुपारी व चूना न डालें।
किसी भी देवी मंदिर में जाकर अपनी गलतियों के लिए माफी मांगें। माता को पान का बीड़ा चढ़ाएं और नौ मीठे पान कन्याओं को दान करें।
माता के मंदिर में पान रखकर नजर लगे व्यक्ति को पान में गुलाब की सात पंखुड़ियां रखकर खिलाएं। नजर दोष दूर होगा ।
पान के पत्ते की जड़ को माता भुनेश्वरी का ध्यान करते हुए घिसकर तिलक लगाएं ऐसा करने से आपकी आकर्षण शक्ति बढ़ने लगेगी।
नवमी की रात चंदन और केसर पाउडर मिलाकर पान के पत्ते पर रखें । फिर दुर्गा माताजी की फोटो के सामने बैठ कर चंडी स्तोत्र का पाठ करें। रोजाना इस पाउडर का तिलक लगाएं ।
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