चैत्र नवरात्रि के नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। आइए जानते है चैत्र नवरात्रि के अंतिम दिन किस प्रकार मां सिद्धदात्री की पूजा करनी चाहिए?
मां सिद्धिदात्री की पूजा करने के लिए प्रात: स्नान करके सिंदूर, अक्षत्, फूल, माला, फल, मिठाई आदि अर्पित करें। साथ ही, माता को प्रसन्न करने के लिए भोग लगाएं और कमल का पुष्प अर्पित करें।
मां सिद्धिदात्री की पूजा करने के दौरान ‘ओम देवी सिद्धिदात्र्यै नमः’ मंत्र का उच्चारण करना चाहिए। इसके बाद मां सिद्धिदात्री की पूजा करें।
मां सिद्धिदात्री की पूजा के बाद हवन और आरती करें। इस दिन कन्या पूजन का खास महत्व होता है और पूजा के बाद प्रसाद ग्रहण करना चाहिए।
मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से व्यक्ति को 8 सिद्धियां और 9 प्रकार की निधियां मल सकती है। माता की कृपा से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से मानव जीवन को जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति मिल जाती है। साथ ही, माता के आशीर्वाद से रोग, ग्रह दोष आदि भी दूर होते है।
मां सिद्धिदात्री लाल वस्त्र धारण करके कमल पर विराजती है। अपने चारों हाथों में माता ने शंख, चक्र, गदा और कमल का फूल धारण किया हुआ है।
मां सिद्धिदात्री की पूजा के दौरान ‘या देवी सर्वभूतेषु माँ सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।’ मंत्र का जाप करें।
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