चैत्र मास के नवरात्र का आरंभ 22 मार्च, बुधवार से हो गया है। पूजा-पाठ के साथ ही इस दौरान भोग लगाने व इनका दान करने से पुण्य मिलता है।
मान्यता है कि नवरात्रि में रोज देवी को अलग-अलग भोग लगाने से तथा बाद में इन चीजों का दान करने से हर मनोकामना पूरी हो जाती है।
नवरात्र के पहले दिन पर मां को गाय का शुद्ध घी या फिर सफेद मिठाई अर्पित की जाती है।
नवरात्र के दूसरे दिन मां को शक्कर का भोग लगाएं और भोग लगाने के बाद इसे घर में सभी सदस्यों को दें। इससे उम्र में वृद्धि होती है।
नवरात्र के तीसरे दिन दूध या दूध से बनी मिठाई, खीर का भोग मां को लगाएं एवं इसे ब्राह्मण को दान करें। इससे दुखों से मुक्ति होकर परम आनंद की प्राप्ति होती है।
नवरात्र के चौथे दिन पर मां भगवती को मालपुए का भोग लगाएं और ब्राह्मण को दान दें। इससे बुद्धि का विकास होने के साथ निर्णय लेने की शक्ति बढ़ती है।
नवरात्र के पांचवें दिन मां को केले और राजगीरे के हलवे का नैवेद्य अर्पित करने से शरीर स्वस्थ रहता है।
नवरात्र के छठे दिन मां को शहद के साथ सेब का भोग लगाएं, इससे आकर्षण शक्ति में वृद्धि होती है।
सप्तमी पर मां को गुड़ का नैवेद्य अर्पित करने और इसे ब्राह्मण को दान करने से शोक से मुक्ति मिलती है एवं अचानक आने वाले संकटों से रक्षा भी होती है।
अष्टमी व नवमी पर मां को नारियल का भोग लगाएं और नारियल का दान करें। इससे संतान संबंधी परेशानियों से मुक्ति मिलती है।