आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में कुछ खूबियों का जिक्र किया है। चाणक्य के मुताबिक, सफल होने के लिए व्यक्ति को अपने आचरण में इन गुणों को शामिल करना चाहिए।
कूटनीतिज्ञ चाणक्य का कहना है कि जिस व्यक्ति में कार्य को लेकर समर्पण भाव नहीं है वह जीवन में सफल नहीं होता है। इस गुण की बदौलत मनुष्य को जीवन में कष्ट नहीं उठाने पड़ते हैं।
चाणक्य के मुताबिक, सफलता के लिए जीवन में अनुशासन भी बेहद जरूरी है। इस गुण के बगैर कोई भी व्यक्ति जीवन में सफल नहीं हो सकता है।
सफल इंसान के अंदर किसी भी कार्य को एकाग्रता और ईमानदारी से करने का गुण भी होता है। काम को लेकर लापरवाही करने वाले सफल नहीं हो पाते हैं।
चाणक्य का कहना है कि व्यक्ति का सच्चा मित्र ज्ञान ही होता है। ज्ञान के अभाव में व्यक्ति का जीवन में सफल होना बेहद मुश्किल हो जाता है।
चाणक्य का कहना है कि व्यक्ति का सच्चा मित्र ज्ञान ही होता है। ज्ञान के अभाव में व्यक्ति का जीवन में सफल होना बेहद मुश्किल हो जाता है।
सफल होने के लिए जरूरी है कि अपनी गलतियों से सीख लें। चाणक्य का यह भी कहना है कि जो लोग दूसरों की गलतियों से कुछ नहीं सीखते हैं उन्हें जीवन में काफी कष्ट उठाना पड़ता है।
चाणक्य के अनुसार, व्यक्ति के अंदर स्वाभिमान भी जरूर होना चाहिए। आपको उस जगह कभी भी खड़े नहीं होना चाहिए, जहां आपका सम्मान न हो।
चाणक्य का यह भी कहना है कि व्यक्ति को पुरानी बातों की चिंता छोड़कर भविष्य के बारे में सोचना चाहिए। असफल होने पर इसके पीछे के कारण जानने की कोशिश करें।