चाणक्य नीति का इस्तेमाल करने वाले व्यक्तियों का दिमाग काफी तेज होता हैं। आइए जानते हैं ऐसे लोगों के बारे में आंखों के रहते हुए भी अंधे के समान होते है।
पूरा जीवन कर्म पर आधारित होता है। यदि हमारे कर्म अच्छे हो तो देर से ही सही पर हमें अच्छे फल मिलते है। गीता में भी इस बात का उल्लेख मिलता हैं।
चाणक्य ने अपने जीवन में कई ऐसी बातें कही हैं जो आज भी लोगों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालने का काम करती है।
इस धरती पर व्यक्ति अपने कर्तव्यों के नहीं पहचानता है। आंखें होते हुए भी ऐसे लोग अंधे इंसान के समान होते हैं।
चाणक्य के मुताबिक जो व्यक्ति अपने कर्तव्यों को लेकर सतर्क नहीं रहता वे भी नेत्र होने के बावजूद किसी अंधे से कम नहीं है।
आचार्य चाणक्य के अनुसार जो व्यक्ति अपने कर्म को नहीं पहचानता है वो आंखें होते हुए भी अंधे इंसान के समान हैं।
ऐसा व्यक्ति जो आंखें होते हुए भी दुनिया में अपने कर्मों से पीछे भागता हैं वो इंसान इस संसार में सम्मान का हकदार नहीं होता है।
अपने कर्म के परिणाम पर अगर आप पहले ही विचार कर ले तो आप एक बेहतर व्यक्ति बन सकते हैं। अच्छे कर्म करने वाले लोग बुरी से बुरी परिस्थितियों में भी मजबूत नजर आते हैं।