आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में व्यक्ति को गलत और सही के बीच का अंतर समझाया है। इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी जानकारी दी है कि सफल लोगों के अंदर क्या गुण होने चाहिए।
करियर की बात हो या फिर संपत्ति की। इंसान अपनी कुछ गलत आदतों के कारण ज्यादातर चीजों में पीछे रह जाता है।
किसी भी काम को करने से पहले आलस्य दिखाना सही नहीं होता है। ऐसा करने वाले लोगों को करियर में कभी भी सफलता नहीं मिलती है।
अपने छोटे-छोटे कार्यों के लिए दूसरों पर निर्भर रहना सही नहीं माना जाता है। चाणक्य का कहना है कि ऐसा करने वाले खुद को आत्मनिर्भर नहीं बना पाते हैं।
हर चीज के बारे में नकारात्मक सोचना भी सही नहीं होता है। नेगेटिव ज्यादा सोचने के कारण व्यक्ति खुद की क्षमताओं को नजरअंदाज कर देता है।
आचार्य चाणक्य का मानना है कि ज्यादा संकोच करने वाले लोग भी दूसरों से पीछे रह जाते हैं। ऐसा ज्यादातर करियर के मामले में देखा जाता है।
आचार्य चाणक्य का कहना है कि समय की बर्बादी करने वाले लोग भी करियर में दूसरों की तुलना में पीछे रह जाते हैं।
ज्ञान का अभाव भी व्यक्ति की असफलता का कारण बनता है। आचार्य चाणक्य का मानना है कि अज्ञानता के कारण लोग सही अवसरों तक नहीं पहुंच पाते हैं।