चाणक्य नीति आज के जमाने में भी लोगों के बीच काफी प्रसिद्ध है। लोग आज भी चाणक्य की बातों को पढ़ना और सुनना पसंद करते है। आइए जानते है कैसी हरकत करने वाले लोगों को चाणक्य की नजरों में गीदड़ है।
चाणक्य के मुताबिक जो व्यक्ति वेद और शास्त्रों से ईर्ष्या रखता है वे इंसान के वेश में गीदड़ कहलाते है
चाणक्य के अनुसार जो भी व्यक्ति अपना घर चलाने के लिए गलत तरीकों से धन कमाता है। वो भी किसी गीदड़ से कम नहीं होता है।
आचार्य चाणक्य के अनुसार अपनी माता पिता की सेवा न करने वाली संतान भी गीदड़ के समान होती है।
ऐसे लोग जिन्होंने कभी पैदल तीर्थ यात्रा न की हो वो लोग भी चाणक्य के अनुसार गीदड़ ही होते है।
कभी भी जीवन में दान न करने वाले लोग भी चाणक्य के अनुसार गीदड़ के समान होते है।
आचार्य चाणक्य के मुताबक इन हरकतों को करने वाला व्यक्ति सिर्फ बोझ के समान होता है। जिसका इस धरती पर होना न होना एक बराबर ही होता है।
चाणक्य की नीतियों पर चलने वाला व्यक्ति जीवन में सभी चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए तैयार रहता है।