चाणक्य ने कई ऐसी बातें कही हैं जिसे पढ़कर व्यक्ति के व्यक्तित्व के बारे में अंदाजा लगाया जा सकता है। आइए जानते हैं चाणक्य किन लोगों को जहर से भी जहरीला बताते हैं।
दुर्जन व्यक्ति सांप के विष से ज्यादा खतरनाक होता है। चाणक्य के मुताबिक सांप परेशान करने पर ही डंक मारता हैं जबकि दुष्ट व्यक्ति आपके मुंह पर कुछ और पीठ पीछे कुछ और ही होते है।
दुर्जन व्यक्ति ईर्ष्या से भरे हुए होते है, ऐसे लोग हमेशा मौके की तलाश में रहते हैं कि अवसर मिलते ही वो आपका नुकसान कर सकते है।
चाणक्य के अनुसार ईर्ष्या, मतलबी और दुर्जन व्यक्तियों से हमेशा दूरी बनाए रखनी चाहिए। वरना ये आपको नुकसान पहुंचा सकते है।
ऐसे लोग जो दोगले प्रवृति के होते हैं वो खतरा आने पर आपका साथ छोड़ देते है और आपके लिए परेशानियां पैदा करते है। इन लोगों को भी चाणक्य ने जहर से ज्यादा जहरीला बताया हैं।
चाणक्य के अनुसार सांप और जहरीले व्यक्ति में बस इतना फर्क होता हैं कि सांप दांत से जहर छोड़ता है जबकि धूर्त व्यक्ति का पूरा तन और मन ही विषैला होता है।
ऐसे विषैले लोग मुसीबत की घड़ी में आपके काम भले न आएं लेकिन आपकी परेशानियों को बढ़ाने का काम जरूर करते हैं।
अपने आसपास ऐसे लोगों का चयन करें जो आपकी फंसाने के बजाय हर परेशानी में आपकी सहायता के लिए अडिग रहे है।