आचार्य चाणक्य की नीति व्यक्ति की पहचान करने से लेकर जीवन जीने का सलीका सिखाती है। सालों पहले कई गई उनकी बातों का आज के समय में भी महत्व है।
आचार्य चाणक्य ने बताया है कि किस प्रकार के लोग चाहकर भी अपने जीवन में कभी भी ठीक से विद्या की प्राप्ति नहीं कर पाते हैं।
चाणक्य के नीति शास्त्र में ऐसे लोगों के अवगुणों के बारे में बताया गया है, जो ज्ञान प्राप्त करने में ज्यादातर बार असफल रहते हैं।
आचार्य चाणक्य का कहना है कि आलसी व्यक्ति को कभी भी शास्त्र का ज्ञान नहीं मिलता है। आलस्य के चलते ऐसे लोग मेहनत करने से भी बचते हैं।
चाणक्य के अनुसार, आलसी व्यक्ति को कभी भी ज्ञान भी नहीं मिल पाता है, क्योंकि ऐसे लोगों से विद्या के देवी सरस्वती नाराज रहती है।
आचार्य के महत्वपूर्ण ग्रंथ में जिक्र किया गया है कि ज्ञान को प्राप्त करने की इच्छा रखने वालों को सुख भोग की इच्छा का त्याग करना होगा।
चाणक्य के मुताबिक, ऐसे लोगों को उज्जवल भविष्य के लिए आलस का त्याग हमेशा के लिए कर देना चाहिए। ऐसा करने से उनका फायदा होगा।
आचार्य चाणक्य का यह भी कहना है कि आलसी स्वभाव के व्यक्ति की वजह से उसका परिवार भी परेशान रहता है।