ज्यादातर लोग अपमान का जवाब नहीं दे पाते हैं। आचार्य चाणक्य ने अपने प्रसिद्ध नीति शास्त्र में बताया है कि अगर आपका कोई बार-बार मजाक उड़ा रहा है तो उसे क्या जवाब देना चाहिए।
चाणक्य की सलाह को मानकर ज्यादातर समस्याओं का समाधान किया जा सकता है। जब आपका कोई अपमान करता है तो गुस्से में कोई जवाब नहीं देना चाहिए।
अपमान करने वाले व्यक्ति का उद्देश्य ही आपको गुस्सा दिलाना होता है। चाणक्य कहते हैं कि ऐसी परिस्थिति में इंसान को गलत भाषा का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए।
चाणक्य नीति के अनुसार, अगर आपका कोई अपमान कर रहा है तो चुप रहना चाहिए। इसके साथ ही, मजाक उड़ाने वाली की तरफ देखकर चेहरे पर हल्की सी मुस्कान ले आएं।
आचार्य चाणक्य का कहना है कि दूसरों को नीचा दिखाना सही नहीं होता है। खासकर मजाक करते समय इस बात का ध्यान रखें कि आपकी बात का किसी को बुरा न लग जाएं।
मजाक के जरिए दूसरों को नीचा दिखाने वाले व्यक्ति जीवन में कभी सफल नहीं हो पाते हैं। ऐसे व्यक्ति दूसरों के प्रति खराब भावना मन में रखकर खुद का नुकसान करते हैं।
आचार्य चाणक्य का कहना है कि पहली बार अपमान सहन करना समझदारी का प्रतीक है। दूसरी बार हुए अपमान को सहन करना उस व्यक्ति के महान होने का परिचय है, लेकिन तीसरी बार अपमान सहन करना बेवकूफी होता है।
आचार्य चाणक्य का कहना है कि उन लोगों से हमेशा बचकर रहना चाहिए, जिन्हें दूसरों का मजाक उड़ाना या अपमान करना अच्छा लगता है।
यहां हमने जाना कि अपमान का जवाब कैसे देना चाहिए। ऐसी ही अन्य धर्म और अध्यात्म से जुड़ी खबरों को पढ़ने के लिए जुड़े रहें naidunia.com के साथ