इस साल का पहला चंद्र ग्रहण फाल्गुन माह की पूर्णिमा यानी होली पर लगने जा रहा है। हालांकि, यह ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा।
हिंदू पंचांग की मानें तो चंद्र ग्रहण की अवधि 25 मार्च सुबह 10 बजकर 24 मिनट से लेकर दोपहर के 3 बजकर 1 मिनट तक रहेगी। ऐसे में ग्रहण की कुल अवधि 4 घंटे और 36 मिनट होगी।
शास्त्रों में भी बताया गया है कि ग्रहण के दौरान प्रेग्नेंट महिलाओं को कुछ काम नहीं करने चाहिए। दरअसल, ग्रहण के दौरान किए गए कार्यों का बुरा असर गर्भ में पल रहे बच्चे पर भी पड़ता है।
प्रेग्नेंट महिलाओं को चंद्र ग्रहण की अवधि में नुकीली चीजों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। माना जाता है कि चाकू, कैंची आदि चीजों को इस्तेमाल करने से बचना ही सही होता है।
ग्रहण के दौरान कुछ भी खाने से बचना चाहिए। हालांकि, गर्भवती महिलाओं के लिए भूखा रहना भी सही नहीं होता है। ऐसे में पेट की लालसा को दूर करने के लिए आप केवल जूस और फलों का सेवन कर सकती हैं।
चंद्र ग्रहण की नकारात्मक किरणों का प्रवेश घर के अंदर नहीं होना चाहिए। इसके लिए घर की सभी खिड़कियों को पर्दों से कवर कर दें।
चंद्र ग्रहण की अवधि के दौरान प्रेग्नेंट महिलाओं को भगवान शिव और विष्णु का मन ही मन ध्यान करना चाहिए। धार्मिक मान्यता के अनुसार, ऐसा करने से ग्रहण का बुरा असर आपके ऊपर नहीं पड़ता है।
गर्भवती महिलाओं को ग्रहण काल के खत्म होने बाद पानी में गंगाजल डालकर स्नान करना चाहिए। ऐसा करने वालों के ऊपर से ग्रहण का नकारात्मक असर दूर हो जाएगा।
यहां हमने जाना कि चंद्र ग्रहण के दौरान महिलाओं को क्या काम नहीं करने चाहिए। ऐसी ही अन्य धर्म और अध्यात्म से जुड़ी खबरों को पढ़ने के लिए जुड़े रहें naidunia.com के साथ