पूजा के समय पढ़ें यह स्तुति, समस्याएं होंगी दूर


By Prakhar Pandey25, Jan 2024 06:24 PMnaidunia.com

पौराणिक कथा

पौराणिक कथा के मुताबिक, महर्षि अगत्सय ने राजा इंद्रद्युम्न को किसी बात से नाराज होकर उन्हें हाथी बनने का श्राप दिया था। आइए जानते है पूजा के समय किस स्तुति का जाप करना चाहिए।

भीषण लड़ाई

राजा इंद्रद्युम्न जब गज के रूप में सरोवर का पानी पीने गए तो उस समय ग्राह ने गज का पाव पकड़ लिया था। इस चक्कर में ग्राह और गज में भीषण युद्ध हुआ था।

भगवान विष्णु की स्तुति

जब गज को युद्ध में कोई सहारा नहीं मिला तो उन्होंने भगवान विष्णु की आराधना की। गज द्वारा की गई स्तुति को गजेंद्र मोक्ष स्तुति कहा जाता है।

गजेंद्र स्तुति

गजेंद्र स्तुति से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने उनके प्राणों की रक्षा की थी। ऐसे में इस स्तुति का नियमित पाठ करने से सभी समस्याएं हल हो जाती है।

गजेंद्र स्त्रोत

धार्मिक ग्रंथों में गजेंद्र स्त्रोत का खास महत्व बताया गया है। श्रीमद्भगवद गीता के तीसरे अध्याय में गजेंद्र स्तोत्र पढ़ने को मिलता है।

जीवन की समस्या

गीता के तीसरे अध्याय में मिलने वाले गजेंद्र स्तोत्र में 33 श्लोक दिए गए है। इन श्लोकों के जाप से जीवन में हर प्रकार की परेशानियों से तत्काल मुक्ति मिल जाती है।

हाथी और मगरमच्छ

इस श्लोक में हाथ और मगरमच्छ के बीच हुए युद्ध का वर्णन पाया जाता है। गज ने घायल होने पर भगवान विष्णु की पूजा की थी। इससे भगवान विष्णु काफी प्रसन्न हुए थे।

पूजा में करें इस स्तोत्र का पाठ

अगर आप पूजा के दौरान गजेंद्र स्तोत्र का पाठ करते है तो आपको सभी समस्याओं से छुटकारा मिलेगा। स्टोरी में लिखी बातें सिर्फ मान्यताओं पर आधारित है।

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