Charnamrit Ke Fayde : चरणामृत दवा से कम नहीं, जानें क्‍यों है इतना महत्‍व


By Dheeraj Bajpai2023-05-15, 08:02 ISTnaidunia.com

चरणों का जल अवश्‍य लें

आपके घर या आसपास मंदिरों में धार्मिक अनुष्‍ठान होते हैं। पूजा के बाद पंडित जी से ईश्‍वर के चरणों का जल अवश्‍य लें।

विज्ञानी कारण भी है

चरणामृत अर्थात चरणों का अमृत तुल्‍य जल। इस चरणामृत का धर्म के साथ-साथ विज्ञानी कारण भी है।

ऋषि मुनियों ने पहले ही बताया था

जो तथ्‍य आज प्रकाश में आ रहे हैं, वह हमारे ऋषि मुनियों ने पहले ही बता दिया था। उसी का अनुसरण करते आ रहे हैं।

विज्ञानियों ने भी माना

विज्ञानियों ने भी मान लिया है कि भगवान के चरणामृत में रहस्य छिपा है। धार्मिक दृष्टि से भगवद् भक्ति के साथ साथ हमें विज्ञानी दृष्टि से यह लाभ होता है।

स्वर्ण का होता है अंश

शालिग्राम की मूर्ति कसौटी पत्थर की होने के कारण उसमें स्वर्ण का अंश होता है, तभी तो कसौटी के ऊपर स्वर्ण की रेखा खिंच जाती है।

इसलिए है चमत्‍कारी

शालिग्राम की मूर्ति को गंगा जल से स्नान कराया जाता है, चन्दन और केसर आदि का मिश्रण उनमें रहता है, तुलसी चढ़ाई जाती है।

उत्पन्न होती है विलक्षण शक्ति

स्वर्ण, चन्दन, तुलसी, केसर और गंगाजल के योग से उसमें विलक्षण शक्ति उत्पन्न हो जाती है जो आयुवर्द्धक तथा रोग व व्याधि नाशक होती है।

इसलिए महत्‍व बढ़ा

शालिग्राम गंंडकी नदी का एक ऐसा पदार्थ होता है जिसमें छोटे छोटे सुवर्ण के कण भी रहते हैं। स्वर्ण में वैसे भी आयुवर्द्धक, बलप्रदायिनी शक्ति होती है।

तामपात्र में चरणामृत रोगनाशक

तामपात्र में वह चरणामृत बना कर रखा जाता है। तांबे की रोगनाशिनी, विद्युत् उत्पादनी शक्ति तो विज्ञान से भी प्रमाणित तथा प्रसिद्ध है।

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