मध्यप्रदेश पहले टाइगर स्टेट के रूप में जाना जाता था। लेकिन अब मध्यप्रदेश चीता स्टेट भी बन गया है। साथ ही कूनो श्योपुर की पहचान भी अब चीतों के लिए देश भर में होगी।
सितंबर माह में कूनों में 8 चीते अफ्रीका से लाए गए थे। आठों चीताें के कूनो के वातावरण में अनुकूलित होने व स्वस्थ्य रहने से अफ्रीका से 12 चीते और लाए गए। अब कूनो में चीतों का कुनबा 20 का हो गया है।
चीते सभी वन्य जीवों में सबसे तेज दौड़ते हैं। कुछ ही सैकेंड में चीते अच्छी खासी गति पकड़ लेते हैं। चीते एक 120 किमी प्रतिघंटा की गति से दौड़ सकते है। इनका वजन भी 43 से 54 किलो होता है।
देश में चीता 1947 के बाद नहीं देखा गया था। देश में चीते की प्रजाति विलुप्त हो गई थी। लेकिन अब अफ्रीका से 20 चीते लाकर कूनो में फिर से बसाया गया है। जिससे देश में फिर से इनकी संख्या बढ़ सके।
कूनो पार्क में शाकाहारी प्राणियों का आबादी घनत्व अनुसार वर्तमान में 21 चीतों को भरण पोषण किया जा सकता है। इसे कुछ वर्षो में 35-40 चीतों के लायक बनाया जा सकता है।
पिछली बार 17 सितंबर को पहली बार अफ्रीका से चीते कूनो आए थे और उन्हें बाड़े में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छोड़ा था। इसके बाद से अफ्रीका से और चीते लाने का प्रयास चल रहा था।
चीतों को लेने के लिए एयरफोर्स का ग्लोबमास्टर विमान गया था। ग्लोबमास्टर से 12 चीते पहले ग्वालियर एयरबेस आए और इसके बाद उन्हें हेलीकाप्टर से कूनो में पहुंचाया गया।