चमकीला गहरा काला रंग, नारंगी चोंच और पीले रंग के पैर और कलगी मैना की पहचान है। डैने पर एक सफेद चित्ता रहता है।
पहाड़ी मैना की लम्बाई करीब 28 से 30 सेंटीमीटर के बीच होता है इसका वजन लगभग 200 ग्राम से लेकर 250 ग्राम तक होता है
सारिका, बस्तरिया मैना या पहाड़ी मैना के नाम से जाना जाता है। तोते की तरह पाल कर इसे मनुष्य की बोली सिखायी जा सकती हैं।
सामान्य रूप से झुंडो में इनकी संख्या 2 से लेकर आठ तक देखी गई है। मैना का प्रजनन काल फरवरी से मई के बीच होता है। यह बैंगनी-गुलाबी रंग के अंडे देती है।
पहाड़ी मैना सूखे साल के पेड़ों में कठफोड़वा द्वारा बनाए गए खोह को ये अपना घर बनाते हैं। जल स्रोत के आसपास ही 20 से 25 मीटर ऊंचे पेड़ों पर रहती है।
मैना के पैर पर GPS सिस्टम से लैस टैगिंग लगा है। जो मैना को ट्रैक करता है। इनके पीछे एक टीम रहती है जो दूर से एक्टिविटी को नोट करती है।