भारत का नियाग्रा कहे जाने वाले विश्व प्रसिद्ध चित्रकोट जलप्रपात के तट महोत्सव का रंगारंग शुभारंभ हो गया।
चित्रकोट महोत्सव में बस्तर के जनजातीय संगीत एवं लोकनृत्य आकर्षण का केंद्र बना रहा।
नारायणपुर के मांदरी नर्तक दल, जोड़ा तराई गीदम के पुनेम सुंदरी नर्तक दल, बस्तानार के गौर सींग नर्तक ने शानदार प्रस्तुति दी।
चित्रकोट महोत्सव शुरू होने से पहले दिन में खेलकूद स्पर्धाएं शुरू हो गई थी
देश विदेश में लोग बस्तर को चित्रकोट जैसे अदभुत जलप्रपात के कारण पहचानते हैं।
बस्तर में तीन दर्जन से अधिक जलप्रपात हैं। जिनका सिरमौर चित्रकोट का जलप्रपात है।
बस्तर की लोक संस्कृति सहज और सरल होने के साथ ही अत्यंत आकर्षक भी है।