आंत से संबंधित समस्याओं के इलाज के लिए आयुर्वेद में हजारों वर्षों से छाछ का उपयोग एक पारंपरिक उपचार के रूप में किया जाता रहा है। छाछ एक आदर्श पेय है।
कैल्शियम, पोटेशियम और विटामिन बी-12 से भरपूर छाछ में लैक्टिक एसिड होता है। इसमें एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं और हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं।
छाछ हमारे पाचन तंत्र के लिए वरदान है। छाछ में स्वस्थ बैक्टीरिया और लैक्टिक एसिड होता है, जो पाचन में मदद करता है। यह हमारे चयापचय में सुधार करता है।
मजबूत इम्युनिटी के लिए मजबूत आंतों और स्वस्थ पेट का होना अति आवश्यक है। आप जो कुछ भी खाते हैं छाछ का सेवन करने से वह सही तरीके से पच ऊर्जा में बदलता है।
छाछ पाचन में सहायता करता है। इसमें मौजूद एसिड की वजह से पेट को साफ करने में मदद मिलती है। इससे पेट की कई बीमारियों को शुरुआत में ही कम किया जा सकता है।
छाछ का सेवन शरीर पर विशेष रूप से पाचन तंत्र पर ठंडा प्रभाव डालता है और एसिड रिफ्लक्स के कारण पेट में होने वाली जलन को कम करता है।
छाछ का सेवन करने से एसिडिटी से लड़ने में मदद मिलती है। सूखे अदरक या काली मिर्च जैसे मसालों को जोड़ने से इसके गुणों में और इजाफा हो सकता है।
इतना ही नहीं अगर आपने स्वाद के चक्कर में थोड़ा ज्यादा खाना खा लिया है तो एक गिलास छाछ आपके खाने को जल्द ही पचाने में भी सहायता करेगा।