तांबे के बर्तन में पानी पीने का चलन आज से नहीं, बल्कि वर्षों पुराना है। आयुर्वेद के मुताबिक इससे वात, पित्त और कफ का संतुलन बना रहता है।
तांबे का बर्तन पानी चार्ज्ड वॉटर कहलाता है। इसे पीने के लिए कम से कम इसे 7 से 8 घंटे तक बर्तन में ही रखकर छोड़ दें।
जिस तांबे के बर्तन में पानी रखा है, उसे जमीन पर नहीं रखना चाहिए। बर्तन को लकड़ी के पाटे या मेज पर रखें।
सुबह उठते ही खाली पेट इस पानी का घूंट-घूंट करके पिएं। इससे सेवन से पाचन ठीक होता है।
जो लोग एसिडिटी के मरीज हैं, वे कभी इस पानी को न पीएं। चार्ज होने के बाद तांबे के पानी की तासीर गर्म हो जाती है।