सालों साल देश के लिए खेलने के बाद जब क्रिकेटर्स संन्यास लेते है तो उनके चाहने वाले उनके शानदार करियर की प्रशांसा में भावुक हो जाते हैं। आज हम आपको बताएंगे ऐसे ही लम्हों के बारे में।
क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने जब 24 साल बाद क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की थी। 16 नवंबर 2013 को सचिन अपने आखिरी मैच के दौरान स्टेडियम में बैठे लोग काफी भावुक हो गए थे।
अपने बल्ले से रिकॉर्ड्स की झड़ी लगा देने वाले ब्रायन लारा की विदाई पर भी स्टेडियम में बैठे दर्शक काफी भावुक हो गए थे। ब्रायन लारा वेस्टइंडीज के दिग्गज खिलाड़ियों में से एक है।
श्रीलंका के तेज गेंदबाज लसिथ मलिंगा को आज भी बेहद सम्मान के साथ याद किया जाता है। लसिथ मलिंगा के अंतिम इंटरनेशनल वनडे मैच में फैंस की आंखें नम हो आई थी।
श्रीलंका के लिए खेलते हुए मुथैया मुरलीधरन ने टेस्ट में 800 से ज्यादा और वनडे में 534 विकेट हासिल किए थे। मुथैया के आखिरी मैच में दर्शक और टीम के साथ खिलाड़ियों ने उन्हें भावुक विदाई दी थी।
सौरव गांगुली ने अपना आखिरी मैच ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2008 में खेला था। इस मैच के बाद गांगुली को पूरी टीम द्वारा बेहद भावुक विदाई दी गई थी।
साउथ अफ्रीका के स्टार ऑल राउंडर गेंदबाज और बल्लेबाज जैक कैलिस ने अपना आखिरी मैच भारत के खिलाफ खेला था। लंबे करियर के अंत में पूरे स्टेडियम ने उन्हें खड़े होकर जोरदार तालियों से विदाई दी थी।
क्रिकेट में बहुत से ऐसे खिलाड़ी भी हुए है जिन्होंने पॉपुलर होने के बावजूद भी मैदान पर संन्यास नहीं लिया हैं। महेंद्र सिंह धोनी, युवराज सिंह, सुरेश रैना ने मैदान के बाहर अपने रिटायरमेंट की घोषणा की थी।