दादासाहेब फाल्के को भारतीय सिनेमा का पितामह कहा जाता है। उनका असली नाम धुंडीराज गोविंद फाल्के था।
दादासाहेब ने पहली फुल लेंथ फीचर फिल्म राजा हरिश्चंद्र का निर्माण किया था। ये फिल्म 1913 में रिलीज हुई थी।
साल 1910 में द लाइफ ऑफ क्राइस्ट फिल्म देखने के बाद भारतीय सिनेमा की पहली फिल्म बनाने का सपना देखा था।
दादासाहेब के लिए फिल्म बनाना आसान नहीं था। उन्होंने पत्नी के गहने और प्रॉपर्टी गिरवी रख दी। साथ ही कर्ज भी ले लिया।
दादा साहेब 1912 में फिल्म का निर्माण करने की टेक्नोलॉजी सीखने के लिए लंदन गए। वहीं से कैमरा और फिल्म बनाने के लिए जरूरत का सामान लेकर भारत आए।
फिल्म राजा हरिश्चंद्र में राजा का किरदार दत्तात्रेय दामोदर और उनके बेटे का किरदार भालचंद्र फाल्के ने निभाया था। यह फिल्म 7 महीने में बनी थीं।
दादा साहेब ने अपने फिल्मी करियर में 95 फिल्में और 26 शॉर्ट मूवीज बनाईं। भारत सरकार ने 1969 में दादा साहेब फाल्के अवार्ड की शुरुआत की
पहली एक्ट्रेस देविका रानी थीं जिन्हें इस अवार्ड से नवाजा गया था। 16 फरवरी 1944 को दादा साहेब ने इस दुनिया से अलविदा कह दिया।