घर में रखें यह शंख, मां लक्ष्मी की बनी रहेगी कृपा
By Sameer Deshpande
2023-03-23, 14:28 IST
naidunia.com
शंख का अपना महत्व
हिंदू धर्म में शंख का अपना एक अलग महत्व है। शुभ कार्यों में शंख का इस्तेमाल करना शुभ फलदायी रहता है।
14 रत्नों में से एक
शंख की प्राप्ति समुद्र मंथन से हुई है। देवताओं असुरों के बीच समुद्र मंथन के दौरान प्राप्त हुए 14 रत्नों में से एक रत्न शंख था।
श्रेष्ठ दक्षिणावर्ती शंख
शंखों में सबसे श्रेष्ठ दक्षिणावर्ती शंख को बताया गया है। दक्षिणावर्त शंख अत्यन्त पुण्यप्रद माना जाता है।
तीन प्रमुख गुण
शंख की गोलाई, चिकनापन और निर्मलता- यह शंख के तीन प्रमुख गुण हैं।
अधिकांश वामावर्त
शंख अनेक प्रकार के होते हैं, जिनमें अधिकांश वामावर्त होते हैं। अर्थात शंख के मुख को देखने पर उसमें खोखला भाग दृष्टा के वामभाग में होता है।
दक्षिण भाग खोखला
यदि शंख में खोखला भाग दक्षिण भाग की ओर होता हो तो वह शंख दक्षिणावर्त होता है।
देवताओं को प्रसन्न करने वाला
दक्षिणावर्ती शंख बड़ा, श्वेत रंग का तथा अच्छी ध्वनि करने वाला हो तो वह शंख शकुनप्रद, धनप्रद एवं देव - लक्ष्मी देवी को प्रसन्न करने वाला माना गया है।
उन्नतिकारक शंख
दक्षिणावर्ती शंख घर में रखने पर लौकिक एवं आध्यात्मिक उन्नतिकारक कहा गया है। इसके रखने से मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।
यह निकृष्ट शंख
खुरदुरे, बहुत भारी तथा बेडौल शंख निकृष्ट माने जाते हैं।
शंख सूक्त है
अथर्ववेद (4/10) में शंख सूक्त है, जिसमें शंख की महिमा तथा उपादेयता वर्णित है।
रोग होते हैं दूर
आयुर्वेद के विविध ग्रन्थों में शंख के अनेक गुणधर्म बताए गए हैं। शंख ध्वनि से संक्रामक रोगों के जीवाणु नष्ट हो जाते हैं।
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