ज्योतिष शास्त्र में गुरुवार का व्रत लाभकारी माना गया है। इस व्रत से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं। यदि आपके कुंडली में गुरु मजबूत स्थिति में नहीं है तो आपको यह व्रत करना चाहिए।
16 दिन तक लगातार बृहस्पति देव का व्रत रखना शुभ माना जाता है। 1,3,5,7,9 दिन तक लगातार व्रत रखना भी शुभ माना जाता है। यह व्रत आजीवन भी रखा जाता है।
गुरुवार को सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कीजिए। इसके बाद पीले रंग के वस्त्र धारण कर लें। भगवान विष्णु का ध्यान रखते हुए व्रत का संकल्प लें। भगवान बृहस्पति देव की विधि-विधान से पूजा करें।
भगवान को पीले फूल, पीले चंदन के साथ पीले रंग का भोग लगाएं। जैसे चने की दाल और गुड़ ले सकते हैं। धूप, दीप आदि जलाकर बृहस्पति देव के व्रत कथा का पाठ कर लें। इसके बाद विधिवत तरीके से आरती करें।
केले की जड़ में जल अर्पण करने के साथ भोग आदि लगाएं। फिर दिनभर फलाहार व्रत रखें और शाम को पीले रंग का भोजन ग्रहण कर लें। इस प्रकार आपको व्रत पूर्ण होता है। 16 दिन तक इस तरह व्रत रखने के बाद पारण करें।