नवंबर का यह महीना पूरी तरीके से दीपों के त्योहार दिवाली को समर्पित रहने वाला हैं। आइए जानते हैं कि क्या जरूरी हैं धनतेरस पर धन्वंतरि की पूजा और इससे आपको क्या लाभ होने वाला हैं।
5 दिनों की दिवाली के इस त्योहार में धनतेरस सबसे अहम त्योहार होता है। इस साल यह पर्व 10 नवंबर के दिन पड़ने वाला हैं।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन धनवंतरी और भगवान कुबेर की पूजा करने का विशेष महत्व रहता है। धनवंतरी जी को भगवान विष्णु का अवतार भी माना जाता हैं।
माना जाता है कि इस दिन अगर सच्चे मन से धनवंतरी और भगवान कुबेर की पूजा करने से कभी भी धन से जुड़ी समस्या नहीं आती है।
धनतेरस हर वर्ष अश्विन माह के कृष्ण पक्ष के दौरान 13वें दिन मनाया जाता है। इस दौरान भक्त धन की देवी मां-लक्ष्मी की पूजा करते हैं। इस दिन सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है।
भगवान गणेश की पूजा के पश्चात भगवान धन्वंतरि और कुबेर जी को रोली का तिलक लगाएं और फूलों की माला चढ़ाएं। अंत में घी का दीपक जलाकर आरती करके अपनी पूजा को सफल बनाएं।
इस पर्व पर लोग अपने घर में बर्तन, चांदी, सोना और नई चीजें खरीद कर लाते है। मान्यता है कि ऐसा करने से घर में सुख, सौभाग्य और समृद्धि बनी रहती है।
प्रचलित कथा के अनुसार, त्रयोदशी तिथि पर देवी लक्ष्मी, धन्वंतरि और कुबेर जी की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन की धन-संबंधी सभी समस्याओं का निवारण होता हैं।