क्या द्रौपदी ने कर्ण को सूतपुत्र कहा था? जानें


By Prakhar Pandey05, Feb 2024 12:24 PMnaidunia.com

महाभारत का युद्ध

द्रौपदी का चीर हरण हो या इंद्रप्रस्थ में कौरवों के साथ कर्ण का अपमान, महाभारत होने की कई वजहें थी। आइए जानते है क्या द्रौपदी ने कर्ण को सूत पुत्र कहकर संबोधित किया था?

द्रौपदी का जीवन

राजा द्रुपद की पुत्री द्रौपदी आम स्त्रियों की तरह नहीं थी। उनकी प्राप्ति पुत्रेष्टि यज्ञ में धृष्टद्युम्न के बाद हुई थी। द्रौपदी के पिता ने उनके लिए दुनियाभर के सभी कष्ट मांगे थे।

राजा द्रुपद की पुत्री

राजा द्रुपद ने पुत्रेष्टि यज्ञ सिर्फ पुत्र प्राप्ति के लिए किया था। लेकिन उनकी किस्मत में बेटी भी लिखी थी। जब साधुओं ने उनसे पुत्र मांगने को कहां तो उन्होंने गुस्से में द्रौपदी के लिए संसार के सभी दुख मांगे थे।

कर्ण की प्राप्ति

कुंती को कर्ण की प्राप्ति भगवान सूर्य के आशीर्वाद से हुई थी। विवाह पूर्व पुत्र प्राप्ति के चलते कुंती ने कर्ण को एक सूप में रखकर नदी में बहा दिया था। इस हिसाब से कर्ण भी क्षत्रिय वंश के थे।

सूत के घर में पालन

कर्ण का पालन सूत के घर में हुआ था। इसी के चलते उन्हें कई बार सूत होने की वजह से अपमानित होना पड़ा था। दुर्योधन को जब यह पता चला कि अर्जुन को सिर्फ कर्ण ही हरा सकते है तो उन्होंने कर्ण से मित्रता की थी।

स्वयंवर का समय

द्रौपदी के स्वयंवर में कई राज्यों के राजकुमार आए थे। कर्ण भी अंग राज्य के राजा के रूप में स्वयंवर में पहुंचे थे। दुर्योधन के कहने पर जब कर्ण मछली की आंख पर निशाना लगाने पहुंचे तो द्रौपदी ने उन्हें रोक दिया था।

मछली की आंख

सूर्यपुत्र कर्ण के गांडीव उठाने पर द्रौपदी ने उन्हें रोक दिया था। इस दौरान द्रौपदी के मुख से कर्ण के लिए सूत पुत्र निकला था। सभी में कर्ण इस बात से काफी अपमानित हुए थे। महाभारत काल में सूतपुत्र सिर्फ रथ चालक होते थे।

द्रौपदी का चीर हरण

कर्ण ने अपने अपमान का बदला द्रौपदी के चीर-हरण के समय उन्हें वैश्या संबोधित करके लिया था। कर्ण के पाप ही उनके अंत का कारण बने थे।

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