पीरियड्स से जुड़े अलग-अलग रीति रिवाज


By Ayushi Singh28, Jun 2024 12:00 PMnaidunia.com

पीरियड्स के दौरान साउथ में अलग-अलग रीति- रिवाजों में पूजा होती है। लेकिन आज के समय में इसके बारे में बहुत से लोगों को नहीं पता है और कुछ लोग इसे अच्छा मानते हैं और कुछ बुरा। ऐसे में आइए जानते है कि पीरियड्स से जुड़े अलग-अलग रीति रिवाज क्या है-

होता है समारोह

साउथ की तरफ किसी लड़की को पीरियड्स होते हैं, तो वह इसका स्वागत करते हैं, जिसे ऋतु शुद्धि या आधी साड़ी समारोह कहा जाता है। इस दौरान लड़की को तोहफे भी मिलते हैं।

असम

असम में लड़की को जब पहली बार पीरियड्स होते हैं, तो तुलेनिया बिया नामक रस्म निभाई जाती है। यह समारोह शादी की तरह होती है। इसमें लड़की को सात दिन तक परिवार से अलग रखा जाता है। किसी पुरुष को लड़की का चेहरा देखने की इजाजत नहीं होती है।

तमिलनाडु

तमिलनाडु में लड़की के पीरियड्स होने पर त्योहार की तरह मनाया जाता है, इस त्योहार को मंजल निरातु विजा कहा जाता है। इस दौरान लड़की को एक बात समझाई जाती है कि जीवन का नया सफर शुरू हो चुका है और वह महिला बनने की ओर आगे बढ़े।

कर्नाटक

कर्नाटक में जब लड़की को पहली बार पीरियड्स होते हैं, तो इसे जश्न की तरह मनाया जाता है, इसे ऋतु कला के नाम से जाना जाता है। इसे सारी महिलाएं मिलकर जश्न तरह मनाती है।

आंध्र प्रदेश

आंध्र प्रदेश में लड़की को पहली बार पीरियड्स होने पर पेड मनिषी पंडगा के नाम से समारोह मनाया जाता है। यह समारोह पीरियड्स के दौरान पहले, पांचवें और आखिरी दिनों में मनाया जाता है। इस दौरान वह कहीं भी नहीं जा सकती है।

ओडिशा

में लड़की को पहली बार पीरियड्स होने पर पर्व मनाया जाता है। वह घर और बाहर के काम नहीं करती है। इस दौरान रसोई के सारे काम पुरुष ही करते हैं।

ये पीरियड्स से जुड़े अलग-अलग रीति रिवाज है। एस्‍ट्रो से जुड़ी ऐसी ही अन्य खबरों के लिए पढ़ते रहें NAIDUNIA.COM

तिजोरी के पास रखेंगे ये चीजें तो हो सकते हैं कंगाल