हिंदू पंचांग के मुताबिक 29 मई को महेश नवमी हैं और भगवान भोलेनाथ की विशेष पूजा की जाती है और भगवान शिव का जलाभिषेक भी किया जाता है।
महेश नवमी पर शिवलिंग का जलाभिषेक किए हुए जल का विशेष धार्मिक महत्व होता है। धार्मिक मान्यता है कि यह जल कई परेशानियों को दूर करता है।
शिवपुराण में ही शिवलिंग पर जल चढ़ाने का विधान बताया गया है। यदि कोई श्रद्धालु रोज सच्चे मन से शिवलिंग पर एक लोटा चल चढ़ाए तो हर मनोकामना पूरी हो सकती है।
शिवपुराण के मुताबिक जल के अलावा दूध, घी, शहद आदि से भी शिवलिंग का अभिषेक किया जा सकता है। सभी चीजों के अभिषेक से अलग-अलग के फल मिलते हैं।
शिवलिंग पर चढ़ाए गए जल को चरणामृत के समान ही पिया जा सकता है। 3 बार थोड़ा-थोड़ा पिया जाए तो कई तरह के रोगों से मुक्ति मिल सकती है।
शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय इस बात का ध्यान रखें कि जलाभिषेक का जल किसी के पैरों में न आएं। शिवलिंग पर चढ़ने के बाद ये जल पूजनीय हो जाता है।