Disha Shool: दिशा शूल क्या होता है? जानें


By Prakhar Pandey12, Oct 2023 08:37 AMnaidunia.com

दिशा शूल

कभी-कभी घर से बाहर जाते हुए बुढ़े-बुजुर्ग दिशा शूल होने की बात कहते है। आइए जानते हैं दिशा शूल क्या होता हैं और इसका पालन क्यों करना चाहिए।

मंगलमय यात्रा

हिंदू धर्म में यात्रा पर निकलने से पहले दिशा शूल देखने का महत्व होता है। घर से हम जिस काम के लिए बाहर निकल रहे, उसे होने के लिए यह जरूरी है कि बाहर उस दिशा में शूल न हों।

अशुभ समय

यदि किसी दिशा में दिशा शूल हो तो उस ओर यात्रा करने से बचना चाहिए। ऐसा करने से रास्तें में कठिनाईयों का सामना करना पड़ सकता है। दिशा शूल दिन, समय और सप्ताह पर निर्भर करता है।

क्या होता हैं दिशा शूल?

किसी भी एक विशेष दिशा में गलत समय पर जाने से अशुभ परिणाम मिलें और नुकसान होने की आशंका हो तो वह दिशा शूल कहलाता है।

न करें इस दिशा में यात्रा

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, जिस भी दिन सप्ताह में किसी एक विशेष दिशा में दिशा शूल होता हैं उस दिन वहां यात्रा करना वर्जिता माना जाता है। ज्यादातर दिशाशूल अशुभ होते है। दक्षिण दिशा के शूल में यात्रा करने से बचना चाहिए।

दक्षिण दिशा

दक्षिण दिशा में दिशा शूल होने पर यात्रा न करने की सलाह दी जाती है। यदि आप इस दिशा में यात्रा करते भी हैं तो सावधानी पूर्वक यात्रा करें।

किसी दिन होता हैं शूल?

वास्तुनसार रविवार और शुक्रवार के दिन दक्षिण-पश्चिम कोण और पश्चिम कोण में दिशा शूल माना जाता है। इन दिनों में इस दिशा की यात्रा करने से नुकसान हो सकता हैं।

बाहर निकलने के उपाय

यदि आप किसी जरूरी काम से दिशा शूल में भी बाहर जाना चाहते हैं तो शुक्रवार को पहले 5 कदम पीछे लें और फिर घर से जौ या राई खाकर निकलें। वहीं रविवार के लिए घर से दलिया या फिर खा के निकलें।

धर्म और अध्यात्म से जुड़ी खबरों को पढ़ने के लिए जुड़े रहें naidunia.com के साथ

Sarvapitri Amavasya: अमावस्या पर गरुड़ पुराण के ये 5 उपाय चमकाएंगे किस्मत