श्रावण मास में मलमास लग रहा है, जिसके कारण सावन मास 59 दिनों का हो गया है। हर 3 साल में एक महीना और जुड़ जाता है। इसे ही मलमास या अधिकमास कहा जाता है।
मास को अशुभ माना जाता है, इसमें शुभ कार्य करना वर्जित होता है, इसलिए इसे मलमास कहा जाता है। मलमास के देवता भगवान पुरुषोत्तम हैं। 18 जुलाई से मलमास मास शुरू हो जाएगा।
मलमास के दौरान शुभ कार्य करना वर्जित है। इसी कारण से इस माह में गृह प्रवेश, विवाह, नामकरण, तिलक, मुंडन, सगाई आदि नहीं किए जाते हैं।
मलमास में लहसुन, प्याज, मांस, मछली आदि तामसिक चीजों का सेवन वर्जित है। इसके अलावा शराब, सिगरेट, बासी भोजन आदि का भी सेवन नहीं करना चाहिए।
मलमास भगवान विष्णु की आराधना का महीना होता है। इसमें झूठ, चोरी, घृणा, क्रोध, काम, लालच, गलत व्यवहार, गलत भाषा, अनैतिक कार्य नहीं करना चाहिए।
मलमास के दौरान नया घर, नया प्लॉट, नए कपड़े, दुकान आदि नहीं खरीदना चाहिए। ऐसा करना अशुभ माना जाता है।
इस माह में सरसों के बीज, उड़द की दाल, मसूर की दाल, मूली, सभी प्रकार की पत्तेदार सब्जियां, शहद आदि का सेवन न करें। शास्त्रों में इसके सेवन से मनाही है।