सोमवती अमावस्या का दिन पूर्वजों को समर्पित होता है। इस साल आखिरी सोमवती अमावस्या 30 दिसंबर को पड़ने वाला है। आज इस लेख के जरिए हम जानेंगे कि इस दिन कौन-से काम करना शुभ होता है।
सोमवती अमावस्या का दिन बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन अपने पूर्वजों का पुजारी के जरिए तर्पण करना चाहिए। इससे जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
सोमवती अमावस्या पर तर्पण करने से कुंडली से पितृ खत्म होता है। साथ ही पितरों के आशीर्वाद मिलते हैं।
अमावस्या पूर्वजों का पिंडदान करने बेहद अच्छा माना जाता है। ऐसे करने से जीवन में खुशहाली आती है।
जिन लोगों को अपने पूर्वजों की मृत्यु की तिथि न पता हो, वो भी इस दिन अपने पितरों का पिंडदान कर सकते हैं।
इस दिन दान करने से पुण्य मिलता है। इसलिए इस दिन दान करने में कंजूसी नहीं करनी चाहिए। ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और मनचाहा फल मिलता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार पौष मास की समाप्ति तिथि 30 दिसंबर को सुबह 04:01 बजे से शुरू होगी।
सोमवती अमावस्या 31 दिसंबर को सुबह 03:56 बजे समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि का बहुत महत्व है।
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