आपरेशन के समय खून और शरीर के अंदरूनी अंगों को देखकर डॉक्टर मानसिक तनाव में आ सकते हैं, ऐसे में हरा या नीला रंग देख उनका मस्तिष्क उस तनाव से मुक्त हो जाता है।
लाल और पीला रंग हमारी आंखों को ज्यादा चुभता है, वहीं हरा और नीला रंग उतना नहीं चुभता। इसी कारण हरे और नीले रंग को आंखों के लिए अच्छा माना जाता है।
अस्पतालों में पर्दे से लेकर कर्मचारियों के कपड़े तक हरे या नीले रंग के ही होते हैं, ताकि वहां रहने वाले मरीजों की आंखों को आराम मिल सके, उन्हें कोई परेशानी न हो।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखें तो हमारी आंखों का जैविक निर्माण इस तरह हुआ है कि ये किसी भी रंग को पहचान लेती हैं, लेकिन हरा या नीला रंग सबसे अच्छी तरह देख सकती हैं।
बताते हैं कि पहले आपरेशन थियेटर में डॉक्टर और कर्मचारी सफेद कपड़े पहनते थे, लेकिन वर्ष 1914 में एक प्रभावशाली डॉक्टर ने इस ड्रेस को हरे या नीले रंग में बदल दिया।
आपरेशन करते समय डाक्टर एक ही अंग को लगातार देखते हैं, ऐसे में आंखों में थकान होने लगती है। इसके तुरंत बाद अगर हरे या नीले रंग को देखते हैं, तो सुकून मिलता है।