Durga Saptashati: पाठ के दौरान इन गलतियां से रूठ सकती हैं मां दुर्गा, जानें नियम


By Prakhar Pandey13, Oct 2023 10:53 AMnaidunia.com

शारदीय नवरात्रि

नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती का पाठ करने का विशेष महत्व होता है। आज हम आपको बताएंगे कि इस पाठ को करते समय जातक को किन नियमों का पालन करना चाहिए। साथ ही, क्या गलतियां नहीं करनी चाहिए।

न करें ये गलतियां

पाठ के दौरान दुर्गा सप्तशती की किताब को हाथ में लेकर न पढ़े। ऐसा करने से अधूरे फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही, पाठ का उच्चारण एक लय में और शुद्ध ही करें।

पाठ के नियम

दुर्गा सप्तशती का पाठ करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें कि पुस्तक लाल चौकी या लाल रंग के वस्त्र पर रखी हो। दुर्गा सप्तशती का पाठ हमेशा नवरात्रि के पहले ही दिन से शुरू करना चाहिए।

लाल रंग का वस्त्र

दुर्गा सप्तशती का पाठ करते हुए लाल रंग के कपड़े पहने और पाठ के दौरान सिर्फ किताब पर ही ध्यान लगाए। नवरात्रि के दौरान मंदिर का विशेष ध्यान रखें।

13 अध्याय

नवरात्रि के दौरान हर दिन दुर्गा सप्तशती के पूरे 13 अध्याय का पाठ करने की मान्यता है। परंतु किसी कारणवश अगर आप ऐसा नहीं कर पाते तो 9 दिन के अंदर 13 अध्यायों का पाठ जरूर पूरा कर लें।

ब्रह्मचर्य का पालन

माता का पाठ करते समय ब्रह्मचर्य का पालन करें। पाठ करने में जरा भी जल्दबाजी न करें। एक लय में और ध्यान लगाकर ही दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।

न करें मांसाहार का सेवन

अगर आप दुर्गा सप्तशती का पाठ करते हैं तो भूलकर भी मांस, मदिरा, लहसुन, प्याज आदि का सेवन न करें। यदि आप ऐसा करते हैं तो मां दुर्गा आपसे बिल्कुल भी प्रसन्न नहीं होते है।

पाठ का महत्व

दुर्गा सप्तशती के पाठ का विशेष महत्व होता है। मान्यता हैं कि इस पाठ को करने से समस्याओं से छुटकारा मिलता है और घर में मां-लक्ष्मी का वास भी होता है।

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