हमारे शरीर में 7 चक्र होते हैं। योग की दुनिया में इन चक्रों का खास महत्व बताया गया है। इन सभी चक्रों को खोलने में योग और ध्यान मददगार है।
शरीर की रीढ़ की हड्डी के सबसे निचले हिस्से में मूलाधार चक्र होता है। इस चक्र को भौम मंडल के नाम से भी जाना जाता है।
यह चक्र भी रीढ़ की हड्डी पर मौजूद होता है। खास बात है कि इसका स्वरूप आधे चांद जैसा होता है। यह चक्र अविश्वास, क्रूरता और बुद्धि के अभाव को नियंत्रित करता है।
योग शास्त्र के अनुसार, मणिपुर चक्र नाभि के पीछे और रीढ़ की हड्डी पर होता है। इस चक्र को ऊर्जा का अहम केंद्र माना जाता है।
इस चक्र को सौर मंडल के नाम से जाना जाता है। इस चक्र के खुलने से आशा, चिंता, अहंकार और कपट जैसी चीजों पर नियंत्रण पाया जा सकता है।
बॉडी में विशुद्ध चक्र कंठ के ठीक नीचे वाले भाग में होती है। बता दें कि इसी चक्र की बदौलत इंसान को कई प्रकार की सिद्धियां प्राप्त होती है।
इस चक्र का स्थान आंख के ठीक नीचे होता है। इस चक्र को खोलने के लिए ओम मंत्र का उच्चारण करें। इसके जागृत होने पर व्यक्ति को देव शक्ति प्राप्त होती है।
योग की दुनिया में सहस्त्रार चक्र को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। यह दिमाग के ऊपर वाले भाग में मौजूद होता है।