Mahashivratri पर खा रहे हैं साबूदाना खिचड़ी तो साथ में इसका रोचक इतिहास भी जानें
By Sandeep Chourey
2023-02-18, 12:18 IST
naidunia.com
कार्बोहाइड्रेट से भरपूर
साबूदाना साबुदाना एक पौधे के जड़ों में मौजूद स्टार्च है। इसमें 89 फीसदी कार्बोहाइड्रेट होता है और प्रोटीन, विटामिन की कमी होती है।
1500 साल पुराना इतिहास
ऐसा माना जाता है कि 1500 साल पहले जब पुर्तगाली ब्राजील के आसपास पहुंचे थे, तब इसके बाद दुनिया को साबूदाना के बारे में विस्तार से पता चला था।
दूसरा विश्व युद्ध और साबूदाना
दूसरे विश्व युद्ध के दौरान जब भोजन की कमी हुई थी तो दक्षिण पूर्व एशिया में लाखों शरणार्थियों के लिए साबूदाना ही एक मात्र जीवनयापन का आहार था।
कपड़ों की धुलाई
क्या आपको पता है कि स्टार्च की अधिकता के कारण साबूदाने का उपयोग कपड़ों की धुलाई के लिए भी किया जाता है।
अकाल का समय
1880 से 1885 के बीच जब अकाल पड़ा था तो त्रावणकोर के राजा विशाखम थिरुनाल राम वर्मा ने पूरे राज्य में भरण पोषण के लिए साबूदाना ही बंटवाया था।
केरल में सबसे ज्यादा खपत
भारत में सबसे ज्यादा साबूदाना की खपत केरल राज्य में है। यहां कुछ इलाकों में तो साबूदाना रोज सुबह नाश्ते के रूप में लिया जाता है।
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