आज की लाइफस्टाइल में मोबाइल और कंप्यूटर हमारे जीवन से ऐसे जुड़े हुए हैं कि इन्हें अलग करना नामुमकिन है।
अगर आप भी सोशल मीडिया पर हद से ज्यादा समय बिताते हैं तो थोड़ा सतर्क होने की जरूरत है।
हाल में एक शोध सामने आया, जिसमें बताया गया कि सोशल मीडिया पर अधिक समय बिताने से युवा डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं।
सोशल मीडिया की लत लगने के बाद व्यक्ति को इससे बाहर कुछ भी अच्छा नहीं लगता है। दूसरे लोगों और कामों को वह पूरी तरह भूल जाता है।
सोशल मीडिया का दूसरा बड़ा असर मरीज की नींद पर पड़ता है। ज्यादा से ज्यादा वक्त स्क्रीन पर गुजारने के चलते उसका दिमाग सो नहीं पता है।
डिप्रेशन और एकाकीपन भी सोशल मीडिया की बीमारियां हैं। ऐसे लोग आसानी से ऑनलाइन शोषण का शिकार हो सकते हैं।
अध्ययन में पाया गया कि रोजाना 300 मिनट या उससे अधिक इंटरनेट मीडिया के इस्तेमाल से अवसाद की आशंका बढ़ जाती है।
हालांकि सोशल मीडिया का बुरा असर लीवर या किडनी फेल नहीं करता, लेकिन मरीज का व्यवहार पूरी तरह बदल देता है।
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