गुरु, माता- पिता व अपने कुल देवी- देवता की पूजा कर लेना चाहिए उनका आशीर्वाद, तभी सफलता मिलेगी।
शुभ कार्य करने के लिए गणपति की तरह से कुल देव या देवी की पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से घर की सुरक्षा होती है।
हमारे पूर्वज अपने कुल के देवी- देवता की पूजा करते थे ताकि कल्याण होता रहे।
कुल देव या देवी आध्यात्मिक और पारलौकिक शक्ति से कुलों की रक्षा करते हैं, जिससे नकारात्मक शक्तियां समाप्त होती हैं।
संस्कारों का क्षय, नैतिक पतन, कलह, अशांति होती है। ग्रह-नशत्र का मेल अच्छा होते हुए भी परिवार का कल्याण नहीं होता।
कुल देव या देवी की पूजा नहीं करने से धीरे-धीरे घर-परिवार से सुरक्षा चक्र हटता है, जिससे परिवार में दुर्घटनाएं, नकारात्मक ऊर्जा, वायव्य बाधाओं का प्रवेश होता है।
यदि मान-सम्मान नहीं मिलता या पूजा नहीं की जाती तो यह अपनी सारी शक्तियों से घर को विहीन कर देते हैं।
ईष्ट की आराधना न करने से बाहरी बाधाएं, अभिचार, नकारात्मक ऊर्जा बिना बाधा घर में प्रवेश करते हैं।
कुल देव या देवी की पूजा वर्ष में एक अथवा दो बार की जाती है। हर परिवार का अपना समय निर्धारित होता है।
कुल देव या देवी की पूजा उपासना नहीं करने से जन्म कुंडली में भी दोष उत्पन्न होते हैं और अच्छे ग्रह नक्षत्र भी प्रतिकूल परिणाम देते हैं।