पौराणिक शास्त्रों में देवता और उनके शस्त्रों का वर्णन भी पाया जाता है। आइए जानते है प्रसिद्ध पौराणिक धनुषों के बारे में।
पिनाक भगवान शिव का धनुष था। इस धनुष का वर्णन रामायण में भी मिलता है, सीता माता के स्वयंवर में पिनाक धनुष को उठाने प्रतियोगिता हुई थी।
रामायण में प्रभु श्रीराम के पास कोदंड धनुष था और लक्ष्मण के पास गाँधरी धनुष था। प्रभु श्रीराम और उनके अनुज लक्ष्मण ने अपने जीवन में सभी युद्ध इन्हीं चीजों से लड़े थे।
महाभारत के युद्ध को एक निर्णायक मोड़ पर ले जाने वाले श्री कृष्ण के धनुष का नाम सारंग था। लेकिन श्री कृष्ण ज्यादातर अपने सुदर्शन चक्र का उपयोग भी करते थे।
महाभारत के शूरवीरों में से एक अर्जुन धनुर्विद्या के ज्ञानी थे। अर्जुन ने गुरु द्रोण से धनुरविद्या सीखी थे, उनके धनुष का नाम गांडीव था।
कर्ण की गिनती भी महाभारत के सबसे काबिल योद्धा में गिने जाते है। कर्ण के धनुष का नाम विजय धनुष था, वहीं पांडवों के ज्येष्ठ युधिष्ठिर के धनुष का नाम महेंद्र धनुष था।
महाभारत की युद्ध भूमि में भीष्म का सामना कर पाना किसी भी योद्धा के लिए आसान नहीं था। भीष्म ने वायव्य धनुष से कई सारे युद्ध जीते है।
लंकापति रावण बेहद शक्तिशाली था,उसने नौ ग्रहों को अपने चरणों में गिरा दिया था। रावण के धनुष का नाम पौलत्स्य था।
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